आप Head Lines पढ़ कर चोंक गए होंगे| सोच रहे होंगे के की ऐसा थोड़ी होता है बल्कि ऐसा मन जाता है की धन से समस्या हल होती है| धन एक विचार है , अगर आपका विचार है की धन मुश्किल से कमाया जाता है तो आप सही है |इंसान अपने औभव से सीखता है और आपके अनुभव ही सिखाते है की धन कमाना मुश्किल है|आप उस विचार के लिए भी सही है जहा आप सोचते है की धन कमाना आसान और मज़ेदार है|यह आप पर निर्भर करता है |
चलो उस सवाल पर लौटते है जिसमे धन को समस्या मन गया है|अगर धन एक समस्या है तो यह आपको ही तय करना है यह कैसी समस्या है? आप धन को ज़रूरत से कम होना समस्या बनाना चाहते हो या ज़रुरत से ज्यादा फैसला आपका है |
निःसंदेह आपको मेरे गत वक्तव्य से आश्चर्य हो रहा होगा की ज़रुरत से ज्यादा धन कैसे समस्या हो सकता है तो मैं इस बात पर आपकी वैचारिक सीमाए बढ़ाना चाहूँगा| ज़रुरत से ज्यादा धन एक चुनोती है जिसे मैनेज करने में काफी मशक्कत होती है| सकरी टैक्स से बचने के लिए कहा नियोजन करना चाहिए जिससे आपको ज्यादा टैक्स ना भरना पड़े |धन पड़े पड़े अपनी कीमत खोता है अत: कहा निवेश करना चाहिए और चोरी धागी का भय भी बना रहता है|
इस तरह आपको शायद समझ आया होगा की धन एक समस्या कैसे है| निर्णय आपका है की आप धन को कैसी समस्या बनाना चाहते हो?
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